मानव रक्त क्या है पूरी जानकारी

हेलो दोस्तों,
examgoalguru.in में आपका स्वागत है। आज हम आपको बताने वाले है मानव रक्त (HUMAN BLOOD), information on blood in hindi के बारे में, यह लेख SSC , UPSC , UPPSC , CDS , एवं  एसएससी सीजीएल परीक्षा के लिये बहुत महत्‍वपूर्ण है। मानव रक्त से कई प्रश्न परीक्षाओ में देखने को मिलते है इसलिए हम उन्ही बिन्दुओ को बतायेगे जो परीक्षाओ में अक्कसर पूछे जाते है .
इस पोस्ट में हम blood kya hai, blood kaha par banta hai, blood kaha par banta hai, rudhir kya hai इन सभी प्रश्नो की जानकारी यहाँ पर देने वाला है तो पोस्ट को ध्यान से पढ़े। 
HUMAN BLOOD


रक्त: Blood

रक्‍त मानव एवं अन्‍य प्राणियों के शरीर में प्रवाहित होने वाला तरल है जो कि कोशिकाओं को आवश्‍यक पोषक तत्‍व और ऑक्‍सीजन की आपूर्ति करने के साथ उन्‍हीं कोशिकाओं से उपापचय अपशिष्‍ट पदार्थों का परिवहन करते हैं। रक्‍त में एण्‍टीबॉडी, पोषक तत्‍व, आक्‍सीजन और शाररिक जरूरतों की पूर्ति हेतु अन्‍य पदार्थ उपस्थित होते हैं। आइए हम विस्‍तृत रूप से मानव रक्‍त के संघटन का अध्‍ययन करते हैं।


रक्‍त क्या है? (What is blood)

रक्‍त एक द्रव संयोजी ऊतक है।मानव शरीर में रक्‍त की मात्रा शरीर के कुल भार का 7% है।यह क्षारीय विलयन है जिसका pH मान 7.4 होता है।मानव शरीर में औसतन 5-6 लीटर रक्‍त पाया जाता है।महिलाओं में पुरुषों की तुलना में आधा लीटर रक्‍त कम होता है।
 रक्‍त के दो भाग होते हैं:
(A) प्‍लाज्‍मा, (B) रक्‍त कणिकाएं

(A) प्‍लाज्‍मा

यह रक्‍त का तरल भाग है। रक्‍त का 60% भाग प्‍लाज्‍मा होता है। इसका 90% भाग जल, 7% प्रोटीन, 0.9% लवण और 0.1% ग्‍लूकोज होता है। शेष अन्‍य पदार्थ काफी कम मात्रा में उपस्थित होते हैं।
प्‍लाज्‍मा के कार्य – शरीर से पचे भोजन, हार्मोन, उत्‍सर्जी पदार्थों आदि का परिवहन प्‍लाज्‍मा के माध्‍यम से होता है।सेरम – प्‍लाज्‍मा से फाइब्रिनोजन एवं प्रोटीन को निकाल देने पर शेष बचे भाग को सेरम कहते हैं।

(B) रक्‍त कणिकाएं या रुधिराणु - यह  रक्‍त का 40% भाग होता है।

इसको तीन भागों में बांटा जाता है:

1. लाल रक्‍त कणिकाएं (आरबीसी)

स्‍तनधारियों की लाल रक्‍त कणिकायें द्विउत्‍तल होती है।इसमें नाभिक का अभाव होता है। अपवाद – ऊँट और लामा।आरबीसी का निर्माण अस्थि मज्‍जा में होता है। (भ्रूण अवस्‍था में इसका निर्माण यकृत में होता है।)इसका जीवनकाल 20 से 120 दिन होता है।इसका विनाश यकृत और प्‍लीहा में होता है। इसलिये यकृत को आरबीसी की कब्रगाह कहते हैं।इसमें हीमोग्‍लोबिन पाया जाता है, जिसमें लौह युक्‍त हीम नामक यौगिक पाया जाता है, इसके कारण रक्‍त का रंग लाल होता है।ग्‍लोबिन एक प्रो‍टीनयुक्‍त यौगिक होता है जो कि ऑक्‍सीजन और कार्बनडाईआक्‍साइड के साथ संयोग करने की अ‍त्‍यधिक क्षमता रखता है।हीमोग्‍लोबिन में पाया जाने वाला लौह यौगिक हिमैटिन होता है।आरबीसी का मुख्‍य कार्य सभी कोशिकाओं को ऑक्‍सीजन पहुँचाकर उससे कार्बनडाईआक्‍साइड वापस लाना होता है।एनिमिया रोग का कारण हीमोग्‍लोबिन की कमी है।सोते समय आरबीसी में 5% की कमी हो जाती है और 4200 मीटर की ऊँचाई पर रहने वाले लोगो के आरबीसी में 30% की वृद्धि हो जाती है।

2. श्‍वेत रक्‍त कणिकाएं (डबल्‍यूबीसी) अथवा ल्‍यूसोसाइट्स

आकार और संरचना में यह अमीबा के समान है।इसका निर्माण अस्थि मज्‍जा, लिम्‍फ नोड और कभी-कभी यकृत और प्‍ली‍हा में होता है।इसका जीवन काल 1 से 2 दिन होता है।श्‍वेत रक्‍त कणिकाओं में नाभिक पाया जाता है। इसका मुख्‍य कार्य शरीर की रोगो से रक्षा करना है। आरबीसी और डबल्‍यूबीसी का अनुपात 600:1 है।


3. रक्‍त बिम्‍बाणु अथवा थ्रोम्‍बोसाइट्स:


यह केवल मानव एवं अन्‍य स्‍तनधारियों के रक्‍त में पाया जाता है।इसमें नाभिक का अभाव होता है।इसका निर्माण अस्थि मज्‍जा में होता है।इसका जीवनकाल 3 से 5 दिन का होता है।इसकी मृत्‍यु प्‍लीहा में होती है।इसका मुख्‍य कार्य रक्‍त का थक्‍का बनने में मदद करना है।


रक्‍त के क्या कार्य है (What are the functions of blood In Hindi)


शरीर के तापमान को नियंत्रित करना और शरीर की रोगों से रक्षा करना आदि।
O2, CO2 पचा हुआ भोजन, उत्सर्जी पदार्थ एवं हार्मोन का संवहन करना।
शरीर के वातावरण को स्थायी बनाये रखना तथा घावों को भरना।

रक्‍त का थक्‍का बनाना।

ऑक्‍सीजन, कार्बनडाई आक्‍साइड, पचे भोजन का परिवहन, हार्मोन का संवहन आदि।शरीर के विभिन्‍न भागों के मध्‍य समन्‍वय स्‍थापित करना। विटामिन K रक्त का थक्का बनने में सहायक होता है।


मानव रक्‍त समूह


रक्‍तसमूह की खोज कार्ल लैनस्‍टीनर ने 1900 में की थी।इसके लिये उन्‍हें वर्ष 1930 में नोबल पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया था।मानव रक्‍त समूहों में विभिन्‍नता का मुख्‍य कारण ग्‍लाइको प्रोटीन है जो लाल रक्‍त कणिकाओं में पाया जाता है। इसे एण्‍टीजन कहते हैं। एण्‍टीजन दो प्रकार के होते हैं – एण्‍टीजन A और एण्‍टीजन B
 एण्‍टीजन अथवा ग्‍लाइको प्रोटीन की उपस्थिति के आधार पर, मानव में चार रक्‍त समूह पाये जाते हैं:जिसमें एण्‍टीजन A पाया जाता है – रक्‍त समूह A, जिसमें एण्‍टीजन B पाया जाता है – रक्‍त समूह B, जिसमें एण्‍टीजन A और B पाया जाता है – रक्‍त समूह AB, जिसमें कोई भी एण्‍टीजन नहीं पाया जाता है – रक्‍त समूह O, रक्‍त के प्‍लाज्‍मा में एक विपरीत प्रकार की प्रोटीन पायी जाती है। इसे एण्‍टीबॉडी कहते हैं। यह भी दो प्रकार की होती है – एण्‍टीबॉडी a और एण्‍टीबॉडी b.

रक्‍त समूह O को सर्वदाता समूह कहा जाता है क्‍योंकि इसमें कोई भी एण्‍टीजन नहीं होता है।

रक्‍त समूह AB को सर्वग्राही समूह कहते हैं क्‍योंकि इसमें कोई भी एण्‍टीबॉडी नहीं होता है।


रक्त से सम्बन्धित कुछ मत्वपूर्ण प्रश्न:


रुधिर परिसंचरण की ब्याख्या पहली बार किसने की थी?
 Ans. विलियम हार्वे

पुरानी और  नष्टप्राय लाल रक्त कणिका कहाँ नष्ट हो जाती है?
Ans. प्लीहा में

सबसे बड़ा श्वेत रुधिराणु है
Ans. एक केंद्रणु( मोनोसाइट)

एड्स के विषाणु किसे नष्ट करते है
Ans. लिम्फोसाइट

फेफड़े से हृदय के लिए रक्त को ले जाने वाली रुधिर वाहिका को कहा जाता है
Ans. फुफ्फुस शिरा

रक्त के थक्के जमने का कारण
Ans. थ्राम्बिन

रक्त के स्कंदन में मदद करने वाला विटामिन है
Ans. K

रुधिर स्कंदन निम्न में से किस प्रोटीन के द्वारा होता है
Ans. फाईब्रिनोजान

हिमोफिलिया का सम्बन्ध प्रायः किसके साथ होता है
Ans. राज-पारिवार

रक्त धारा में ऑक्सीजन ले जाने वाला प्रोटीन होता है
Ans. हिमोग्लोबीन

रक्त में पाई जाने वाली धातु है
Ans. लोहा

सार्वत्रिक रक्तदाता वे लोग है, जिनका रुधिर वर्ग होता है
Ans. O

मानव का सामान्य रक्त दाब कितना होता है
Ans. 80/120 मिमी.पारा

गुर्दे को रक्त की आपूर्ति करने वाली रुधिर वाहिनी
Ans. वृक धमनी

मानव में कुल रक्त आयतन में प्लाज्मा का प्रतिशत लगभग कितना होता है?
Ans. 55%


मै उम्मीद करता हु मानव रक्त के बारे में आपको समझ में अगया होगा .अगर ये पोस्ट आपको पसन्द आया तो share जरूर करिये ताकि दुसरो को भी जानकारी मिले।
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