Karoly Takacs - जिसने अपनी इच्छाशक्ति और फोकस से रचा था इतिहास

Hello friends, आज का पोस्ट कुछ खास है क्योंकि आज के पोस्ट में  Best Motivational Story in Hindi है । हम सब के लाईफ मे किसी भी काम को करने के लिए Motivate होने की जरूरत होती है, क्‍योकि मोटिवेशन से ही हमे काम करने की इच्‍छा होती है, काम करने की इच्‍छा से उस काम के प्रति जुनून पैदा होता है। इच्‍छा और जुनून से कठिन से कठिन काम भी आसान लगने लगता है। आज मै आप को एक ऐसे व्‍यक्ति की Real life inspirational Story बताने जा रहा हूँ जिसको पढ़कर आपके रोगटे खडे हो जायेगे। एक ऐसा जिद्दी आदमी जिसने इतिहास पढा नहीं था इतिहास बनाया था। जिसने अपनी इच्‍छा शक्ति से असम्‍भव दिखने वाले काम को सम्‍भव किया।


Inspirational Story of Karoly Takacs in Hindi

ये कहानी है Karoly Takacs नाम के इक आदमी की जो 1910 में पैदा हुआ था वह हंगरी देश का रहने वाला था,  Hungarian Army में था और उस देश का बेस्‍ट पिस्‍टल शूटर था जितनी भी Nation Championship हुई थी उस देश में वह सब को जीत चुका था सब को विश्‍वास था की Olympic Gold Medal कैरोली ही लायेगा वह कई साल तक Training की थी उसका बस एक ही सपना था मुझे अपने आप को दुनिया का Best Shooter बनाना है और वह बना चुका था उसे दो साल बाद 1940 के Olympic में भाग लेना था । लेकिन होनी को कुछ और ही मन्‍जुर था, 1938 में एक आर्मी का Training camp चल रहा था क्‍योकि वह आर्मी में था Training के दौरान उसके दाहिने हाथ मे एक Hand grenade फट गया जिस हाथ से Gold Medal जितना था बचपन से जिस हाथ को Trend किया था वह हाथ चला गया जो उसका सपना था सब खत्‍म हो गया। अब वह क्‍या करे , उसके पास दो रास्‍ते थे वह रोता रहे पूरी जिन्‍दगी , कहीं जाकर छूप जाये या उसका जो Goal था जिसपर उसने Focus किया था उसको पकड करके रखे। उसने उस पर Focus नहीं किया जो चला गया उसने उस पर Focus किया जो उसके पास था उसके पास क्‍या था – बाया हाँथ (Left Hand) एक ऐसा कमजोर हाथ जिससे वह लिख भी नहीं सकता था। एक महीने तक हास्‍पिटल मे उसका ईलाज चला और एक महिने बाद अपनी लेफ्ट हैन्‍ड से प्रेक्टिस शुरू कर दिया बिना किसी को कुछ बताये, किसी को कुछ भी पता नहीं था कि वह अपने लेफ्ट हैण्‍ड से Practice कर रहा है।

"आसमा को जिद है जहॉं बिजलियाँ गिराने की,
 मुझे भी जिद है वहीँ आशियाँ बनाने की।"

Practice के एक साल बाद यानी 1939 में वह वापस आया Nation champion हो रही थी हंगरी के Best Shooter आये थे प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए, सभी Karoly को देखकर खुश हो रहे थे देखो इतना सब कुछ होने के बाद Karoly हम लोगो का हौसला बढाने और को Motivate करने आया है,  क्योकि किसी पता ही नहीं था कि केरली अपने बाये हाथ से practice कर रहा है। कैरली ने कहा मै तुम लोगो का हौसला बढाने नहीं आया हुं तुमसे compete करने आया हुँ तुमसे लडने आया हुँ तैयार हो जाओ, खेल में भाग लेने के लिए कहकर सब को आश्चर्य चकित कर देता है और वहा जितने भी प्रतिभागी थे सब अपने best hand(मजबूत हाथ- जिसे बचपन से ट्रेंड किया था) से compete कर रहे थे और Karoly सिर्फ अपने बाए हाथ(only Hand) से Compete कर रहा था , प्रतियोगिता हुई Karoly जीत गया। सब के सब दंग रह गये कि ये कैसे हो गया, उसने अपने बाऐ हाथ को एक साल में ही इतना ट्रेन्‍ड कैसे कर लिया। सब के लिये ये एक चमत्‍कार(Miracle) जैसा था। लेकिन Karoly यहा तक नहीं रूका उसका Goal (लक्ष्‍य) एक ही था कि इस हाथ को दुनिया का best Pistol shooting hand बनाना था।

जीत हटने से नहीं
डटने से मिलेगी

उसने अपना सारा ध्‍यान(Focus) डाल दिया 1940 के Olympic खेल पर लेकिन 1940 के Olympic cancel हो गया World war(विश्‍व युद्ध) के कारण। उसने अपना सारा ध्‍यान फिर से 1944 के Olympic पर डाल दिया। दुर्भाग्‍य से 1944 ई. का भी Olympic cancel हो गया फिर से कैरली अपना सारा Focus किया 1848 ई. के Olympic खेल पर 1948 में उसकी उम्र 38 हो चुकी थी जो Younger Player आ रहे थे उनसे compete करना मुश्किल होता था लेकिन  मुश्किल नाम का कोई भी शब्‍द उसकी Dictionary में था ही नहीं । Karoly 1948 ई. के Olympic में गया पूरी दुनिया के Best Shooters आये थे अपने Best Hand से compete कर रहे थे Karoly सिर्फ अपने बाये हाथ(Only hand) से compete कर रहा था । कौन जिता....... बोलो बोलो....... कौन जिता..... “The man will be only hand” Karoly Takacs जित गया उसको Gold medal मिल गया । लेकिन वह फिर भी नहीं रूका 1952 ई. के Olympic में भाग लेने के लिए फिर से practice सुरू कर दिया । वह 1952 के Olympic में दुबारा compete किया इस बार Gold medal कौन जिता.... बोलो.... Karoly , वह दो बार लगातार Gold medal जिता और पुरी की पुरी History को बदल कर रख दिया इससे पहले किसी भी Athlete ने दो बार लगातार Olympic में Gold medal नहीं जिता था । कैरोली ने इतिहास रच दिया ।



Moral Of Karoly Takacs Motivation Story in Hindi 


किसी Looser (कमजोर) के पास चले जाओ उसके पास पूरी List होगी बहानो की , कि मै इस कारण से फेल हुआ मेरे पास ये नहीं थे, मेरे पास पैसे नहीं थे, मुझे किसी का सहारा(support) नहीं मिला बगैरह-बगैरह और दूसरी तरफ winner के पास चले जाओ उसके पास हजार वजह होगी ओ ना करने की जो वह करना चाहता है, सिर्फ एक वजह होगी ओ करने की जो वह करना चाहता है और वह कर जाएगा । Karoly Takacs की कहानी जिसने अपनी इच्‍छासक्ति से वो कर के दिखाया जिसके बारे मे हम सपने में भी नहीं सोच सकते । हर इंसान के life में मुसीबते आती है और कभी-कभी किस्मत भी खराब होती है लेकिन कैरोली तो किस्मत को भी धोखा दे दिया, इसे कहते है सपनो की चाहत ।

मै उन साथियो को बताना चाहता हुँ जो दिन रात मेहनत करते है और फेल हो जाते है फिर कमिया निकालते रहते है निराश होते रहते है। चाहे जितनी भी मुस्किलो का सामना करना पडे आपका लक्ष्‍य अर्जुन की तरह चिडि़या की ऑंख पर होना चाहिए आजु बाजु कही नहीं सिर्फ चिडि़या की ऑंख दिखनी चाहीए। दोस्‍तों, जिन्‍दगी में कभी भी आप को लगे की वक्‍त और परिस्थितिया आपका साथ नहीं दे रही है आपके लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में तो Karoly के इच्‍छाशक्ति के बारे में जरुर याद करना आपको जरूर Motivation मिलेगी। अपने इच्‍छा शक्ति से कुछ भी प्राप्‍त किया जा सकता है । चलते चलते आपके लिए कुछ कहना चाहता हूँ कि -

"मंजिले बड़ी जिद्दी होती है, हासिल कहाँ नसीब से होती है।
मगर वहाँ तूफान भी हार जाते है, जहाँ कश्तियां ज़िद पर होती है ।
भरोसा ईश्वर पर है तो जो लिखा है तकदीर में वो ही पाओगे
मगर भरोसा खुद पर है तो ईश्वर वही लिखेगा जो आप चाहोगे ।"


ये Karoly Takacs की Real life Hindi Motivational Story कैसी लगी हमे comment box में जरूर बताये और इस कहानी को को ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगो को share button के माध्‍यम से शेयर करके हमें प्रोत्‍साहित करते रहे।



यह कहानी Sandeep Maheshwari के YouTube video से ली गई है। आप संदीप सर का YouTubechannel जरूर subscribe करना ।
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