LIC का IPO चर्चा में क्यों है इसकी पूरी जानकारी

 जब से सरकार ने केंद्रीय बजट 2021 संसद में पेश किया किया है तभी से LIC IPO चर्चा का विषय बन गया है। इस पोस्ट में हम जानेंगे एलआईसी आईपीओ चर्चा का विषय क्यों है? सरकार LIC का IPO क्यों लाना चाहती हैक्या सरकार LIC का Privatization करना चाहती हैIPO क्या होता है? एलआईसी का आईपीओ कब तक आएगा। यह इतना खास क्यों है, इस सभी विषयों पर विस्तार से चर्चा करने वाले है, पोस्ट को ध्यान से पढ़े। 

LIC IPO

 एलआईसी क्या है (What is LIC in Hindi)

LIC का पूरा नाम भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) है। इसकी स्थापना 1 सितम्बर 1956 को की गई थी। उस समय भारत के संसद द्वारा 245 से अधिक बीमा कंपनियों को मिलाकर LIC of India Act पारित किया, तभी से यह भारतीय जीवन बीमा निगम कहलाने लगा। एलआईसी एक सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी बीमा समूह वाली कंपनी है। यह पूर्ण रूप से भारत सरकार के स्वामित्त वाली कंपनी है अर्थात इसका 100% हिस्सेदारी भारत सरकार की है। एलआईसी की 2019 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार 36.65 लाख करोड़ रूपये की सम्पत्ति है। 

एलआईसी की 15 से अधिक देशों में शाखाएं है। यह जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा, निवेश प्रबंधन, म्यूचुअल फंड जैसे अनेक सेवाएं देता है।  एलआईसी इतना ज्यादा Famous है की जब आम आदमी Insurance करवाता है तो वह दूसरों से कहता है मैंने  एलआईसी कराया है, भले ही वह आदमी दूसरे Insurance कंपनी का क्यों न कराया हों।  

Insurance Sector में पुरे Market Share का 76.28% हिस्सा अकेले LIC का है। सोचिये  एलआईसी कितनी बड़ी कम्पनी है। 

आईपीओ क्या है (What is IPO in Hindi)

जब किसी कंपनी को Fund की आवश्यकता होती है तो उसे फण्ड जुटाने  के लिए उसके पास दो रास्ते होते है पहला जनता (आप, मै या कोई और भी ) से धन आमंत्रित करें या बैंक से कर्ज ले। ज्यादातर कंपनी बैंक से कर्ज न जुटाकर जनता के समक्ष public issue जारी करती है। 

जब कोई कंपनी जनता (Public) से Fund (पैसा) जुटाना चाहती हो तो वह Share market में Listed होकर अपने कुछ हिस्सेदारी (Share) को Public के सामने पहली बार सार्वजनिक जारी करती है, इस प्रोसेस को प्रारंभिक पब्लिक पेशकश (Initial Public Offering) कहते है जिसे शार्ट टर्म में IPO बोला जाता है। 

जब कोई कंपनी आईपीओ लाती है तो उसे Red Herring Prospectus जारी करना होता है जिसमें कंपनी को बताना पड़ता है की आईपीओ से जो पैसे मिलेगा वह उस पैसे का क्या करेगी। किसी कंपनी का रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस SEBI की वेबसाइट पर आसानी से मिल जाता है। 

किसी कंपनी द्वारा IPO जारी करने का  मतलब वह कंपनी शेयर बाजार में सूचीबद्ध (Listed) हो गई। सूचीबद्ध होने का मतलब अब कोई भी उस कंपनी के IPO में Invest करके उस कंपनी का हिस्सेदार बन सकता है। 

कंपनी के Initial Public Offering (IPO) में जनता द्वारा लगाई गई पूंजी अब सीधे कंपनी के पास जाने लगती है। उस पूंजी से कम्पनी जितना Profit या Loss कमाती है उसी Ratio में जनता को भी उतना Profit या Loss होता है। 

जब किसी कंपनी का पहले से आईपीओ ला चुकी हो उसके बाद फिर से जनता को शेयर जारी करती है तो वह FPO (Follow on Public Offer) द्वारा लाएगी। इसे पब्लिक ऑफरिंग भी कहा जाता हैं। संक्षेप में कहे तो IPO पहली बार की प्रक्रिया है वही FPO, आईपीओ के बाद की प्रक्रिया है। 

सरकार LIC का IPO क्यों लाना चाहती है 

सरकार अपने राजकोषीय घाटे को कम करने और देश के विकास के लिए 2021-22 बजट में 1.75 लाख करोड़ रुपए विनिवेश (Disinvestment) का लक्ष्य रखा है। वास्तव में Government को विनिवेश से पैसे जुटाने का महत्वपूर्ण जरिया है। 

विनिवेश क्या है?: सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) से जब Government अपना कुछ हिस्सा बेचती है तो इस प्रोसेस को विनिवेश (Disinvestment) कहते है। जब 1991 ईस्वी में भारत में बहुत बड़ी आर्थिक मंदी आई थी तब से विनिवेश की प्रक्रिया सुरु है। 

जैसा की मैंने पहले बताया की LIC का सरकार के पास पूर्ण रूप से मालिकाना हक है। अब सरकार विनिवेश की इस प्रक्रिया से LIC का लगभग 10 प्रतिशत हिस्से का मालिकाना हक घटाना चाहती है। LIC के इस 10 प्रतिशत हिस्से को शेयर बाजार में लिस्टिंग कराकर IPO जारी करेगी। इससे सरकार के पास जो पैसा आएगा वह अन्य कामों में लगाकर देश का विकास करेगी। 

2020 के बजट में वित्त मंत्री ने कहा था की LIC और IDBI का IPO द्वारा कुछ शेयर बेचा जायेगा। आपको बतादू की IDBI बैंक LIC का ही पार्ट है। 

यह अब तक का देश का सबसे बड़ा IPO है, इस आईपीओ से नए निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ेगी और वे भी एलआईसी में निवेश कर सकते है। इससे सरकार 80 हजार करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। कुल मिलाकर देखा जाय तो यह फायदे का सौदा हो सकता है। 

यैसा भी नहीं है की सरकारी कंपनी का पहली यह पहली बार IPO जारी हुआ हो, पिछले वर्ष IRCTC का भी ipo निकाला है। LIC का IPO इतना ज्यादा चर्चा में इस लिए है कि यह बहुत बड़ी कंपनी है। 

क्या LIC का Privatization हो जायेगा  

LIC का निजीकरण (Privatization) को लेकर कई सारे सवाल उठ रहे है। जैसा की मैंने पहले ही बताया कि सरकार अपने हिस्से का सिर्फ 10 प्रतिशत हिस्सेदारी को IPO के माध्यम से अपने शेयर को बेच रही है, इसका ये मतलब नहीं है की LIC बिक गई या इस कंपनी का निजीकरण हो गया। किसी कंपनी का IPO निकालने का मतलब ये नहीं हैं कि वह कंपनी बिक गई। 

किसी भी कंपनी के पुरे शेयर का 51 प्रतिशत से अधिक का हिस्सा जिसके पास होता है वह कंपनी का मालिक होता है। जैसे आज Reliance Company के मालिक मुकेश अंबानी क्यों है? क्योकि उनके पास Reliance Company के 51 प्रतिशत से अधिक के शेयर अकेले उनके पास है। 

अब बात आती है LIC की, दोस्तों आपको बतादू की दुनिया के किसी भी कंपनी के पास इतना पैसा नहीं है कि वह एलआईसी के 51 प्रतिशत शेयर को खरीद सके। किसी कंपनी के 51 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी सरकार के पास रहती है तो वह सार्वजनिक क्षेत्र (PSU) की कंपनी कहलाती है यही अगर किसी कंपनी के 51 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी सरकार के आलावा किसी और के पास रहती है तो वह प्राइवेट कंपनी कहलाती है। 

हालांकि सरकार का ये भी कहना है की एलआईसी के 10 प्रतिशत हिस्से को घटाने के बाद भी हम पूरा मैनेजमेंट पावर अपने पास ही रखेंगे। 

अब आपको पता चल ही गया होगा की LIC का विनिवेश हो रहा है न की निजीकरण। जब सरकार द्वारा विनिवेश होता है तो यह अच्छा माना जाता है लेकिन जब निजीकरण (Privatization) होता है तो उसका विरोध होता है और वह अच्छा नहीं माना जाता है। 

LIC का IPO आने के बाद क्या होगा 

जब भी किसी कंपनी का IPO आता है तो Investor तेजी से उसकी तरह आकर्षित होते है। यही हाल LIC के आईपीओ के साथ होगा। सरकारी कम्पनी होते हुए भी  एलआईसी हमेशा Profitable में रही है। इस हिसाब से नए निवेशक भी शेयर बाजार से जुड़ेंगे। 

IPO आने के बाद LIC कंपनी की पारदर्शिता बढ़ेगी क्योकि SEBI के नियमों के अनुसार उसे सभी बायो डाटा जनता को बताना पड़ेगा। अभी तक क्या होता था की LIC बाजार में Listed न होने के कारण कम्पनी के अंदर की बाते किसी को पता नहीं चलती थी। 

भारत की सबसे बड़ी फाइनेंस कंपनी होने के नाते Investor को भी पैसे कमाने का मौका मिलेगा। 

यह भारत के इतिहास का सबसे बड़ा IPO होगा। LIC की Listing होने के बाद Share Market के Reliance, TCS जैसे टॉप कंपनियों को पीछे छोड़ सकती है। 

LIC के इस IPO से पालिसी होल्डर का क्या होगा 

भारतीय जीवन बीमा निगम को लोग भरोसेमंद मानते है, एलआईसी की बहुत सारी पालिसी पर अच्छा Return मिला है। कंपनी के इस IPO का सबसे ज्यादा विरोध एलआईसी के Policy Holder का है क्योकि उन्हें लगता है हमारा पैसा डूब जायेगा। चलिए अब हम आपको बताते है। 

1956 के LIC Act में कहा गया है कि भारतीय जीवन बीमा निगम शेयर मार्किट में कभी भी नहीं आएगी। इसमें 100% हिस्सेदारी हमेसा भारत सरकार का ही रहेगा। अब एलआईसी का आईपीओ लेन से पहले संसद द्वारा 1956 LIC Act में संसोधन करना होगा। लेकिन इसके बाद भी सरकार ने कहा है की हम पालिसी धारकों (Policy Holder) का Sovereign Guarantee अपने पास ही रखेंगे। अर्थात एलआईसी रहे न रहे, सरकार सभी पालिसी होल्डर के पैसे की जिम्मेदारी लेती है। 

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