महत्वपूर्ण भारतीय संसदीय शब्दावली

भारतीय संविधान कि कुछ ऐसे शब्दावली हैं जिन को समझना अत्यावश्यक है। यहां पर हम महत्वपूर्ण संवैधानिक शब्दावली (important parliamentary terms in hindi) को आसान भाषा में समझाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ महत्वपूर्ण भारतीय संसद की शब्दावली हमेशा इस्तेमाल की जाती हैं जिसे आपको जानना चाहिए। Important Parliamentary Glossary, Terms in hindi.
संसद के कुछ terms होते है जिन्हे समझना बहुत जरुरी होता हैं। सभी भारतीय को इस संसदीय शब्दावलियों जैसे शून्य काल, स्थगन, सत्रावसान, विघटन, प्रश्नकाल, अध्यादेश के बारे में जरूर जानना चाहिए। 
Pramukh parliament terms

महत्वपूर्ण संसदीय शब्दावली (Important Parliament Terms)

स्थगन क्या हैं (What is Adjournment in Hindi)?

 जब संसद की बैठक चल रही होती है तो लोकसभा के अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति को लगता है कि सदन अच्छे से नहीं चल रहा है तो कुछ घंटे कुछ दिन या अनिश्चितकाल तक सदन का स्थगित कर देते हैं यही स्थगन है।
जैसे- संसद के किसी भी सत्र में बैठक के समय किसी भी मुद्दे पर बहस हो रही है उसी बीच विपक्ष द्वारा शोर शराबा हो जाता है जिसके कारण अध्यक्ष महोदय या सभापति महोदय को लगता है कि अब सदन ठीक ढंग से नहीं चलने वाला है तो वे सत्र को कुछ समय तक स्थगित कर देते हैं।


सत्रावसान क्या हैं (What is Prorogation in Hindi)  

यहां पर सत्र का मतलब है बैठक। संसद में कम से कम 2 सत्र होने ही चाहिए अर्थात 6 माह से अधिक अंतर नहीं होने चाहिए लेकिन जरूरत पड़ने पर सत्र की बैठक अधिक बार भी हो सकती है वर्तमान समय में भारतीय संसद में 3 सत्र (संसद की बैठक) होता है मानसून सत्र, शीतकालीन सत्र, बजट सत्र।
सत्र की अंतिम समय को सत्रावसान कहते हैं।
सत्रावसान की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा होता है।
जैसे- 10 फरवरी से लेकर 28 फरवरी तक बैठक रखी गई है तो 28 फरवरी को सत्र समाप्त हो जाएगा इसी समाप्ति के दिन को सत्रावसान कहते हैं।

विघटन क्या हैं (What is Dissolution) 

यहां पर विघटन का अर्थ होता है खत्म या नष्ट होना विघटन हमेशा लोकसभा का होता है राज्यसभा का विघटन कभी नहीं होता है।
जब सरकार अपना बहुमत खो देती है तो अनुच्छेद 85 के तहत राष्ट्रपति लोकसभा का विघटन कर देता है। जब सरकार बहुमत में है लेकिन सरकार या मंत्रिपरिषद राष्ट्रपति को कहते हैं कि लोकसभा का विघटन कर दिया जाए तब भी इसका विघटन किया जा सकता है।
स्थगन में कुछ समय के लिए सत्र को समाप्त किया जाता है लेकिन विघटन में हमेशा के लिए सदन को समाप्त कर दिया जाता है अर्थात फिर से लोकसभा का चुनाव होगा।

प्रश्नकाल क्या हैं (What is Question Hour) 

संसद के दोनों सदनों में बैठक का प्रथम घंटा प्रश्नकाल का होता है। प्रश्नकाल का समय दिन में 11:00 बजे से 12:00 बजे तक होता है। इस प्रथम घण्टे (प्रश्नकाल) में सरकार के मंत्रियों से सांसद प्रश्न पूछते हैं यह सिर्फ एक घंटे का होता है।
इसमे दो तरह से प्रश्न पूछे जाते है
तारांकित प्रश्न (Started Question) : तारांकित प्रश्नों को मौखिक रूप में दिया जाता है।
अतारांकित प्रश्न (Unstare Question):  अतारांकित प्रश्नों को लिखित रूप में दिया जाता है।

शून्य काल क्या हैं (What is Zero Hour)

प्रश्नकाल के ठीक बाद अर्थात 12:00 से 1:00 तक के समय को शून्यकाल कहते हैं, इसमें भी प्रश्न ही पूछा जाता है लेकिन जिनका उत्तर तत्काल देना होता है ऐसे प्रश्न शून्यकाल में होते हैं।
शून्य काल शब्द का वर्णन संविधान में नहीं है बल्कि यह मीडिया द्वारा दिया गया शब्द है।

विश्वास प्रस्ताव क्या हैं ( What is Confidence Motion)

भारत में सरकार बनाने के लिए लोकसभा में कुल सीटों के 50% से 1 अधिक के सांसदों की आवश्यकता होती है किसी भी सरकार (मंत्रिपरिषद) को यह साबित करना होता है कि हमारे पक्ष में 50% से अधिक सांसद हैं तो वह सरकार बना सकती है यही विश्वास प्रस्ताव है।
विश्वास प्रस्ताव हमेशा सरकार (मंत्रिपरिषद) द्वारा राष्ट्रपति के समक्ष पेश किया जाता है।

अविश्वास प्रस्ताव क्या हैं 

अविश्वास प्रस्ताव विश्वास प्रस्ताव के एकदम उल्टा है। जहां पर विश्वास प्रस्ताव में पक्ष अर्थात सरकार द्वारा पेश किया जाता है वही अविश्वास प्रस्ताव में विपक्ष द्वारा पेश किया जाता है यदि विपक्ष अर्थात सरकार की विरोधी दल 50% से अधिक सांसद समर्थन करके अध्यक्ष महोदय को पेश करते हैं तो मंत्रिपरिषद (सरकार) को त्यागपत्र देना होता है।
अभी हाल ही में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।

अध्यादेश क्या हैं (What is Ordinance)

जब संसद का सत्र ना चल रहा हो, उस समय किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर सरकार कानून लाना चाहती हो तो केंद्रीय कैबिनेट की सलाह पर अनुच्छेद 123 की शक्तियों का प्रयोग करके राष्ट्रपति द्वारा बनाए गए कानून को अध्यादेश कहते हैं।
अध्यादेश अधिकतम 6 महीने तक मान्य रहता है। अगर संसद द्वारा अध्यादेश पारित हो जाता है तो वह कानून बन जाता है।

हम उम्मीद करते हैं आपको महत्वपूर्ण भारतीय संवैधानिक शब्दावली को समझ में आ गया होगा। इस पोस्ट को अपने दोस्तों को फ़ेसबुक पर जरूर शेयर करे।
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