New CJI Sharad Arvind Bobde Biography in hindi

S. A. Bobde Biography, Family, Career, Age : शरद अरविंद बोबडे को 29 अक्टूबर 2019 को भारत देश का 47 वां प्रधान न्यायधीश नियुक्त किया गया। न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे ने CJI रंजन गोगोई का स्थान लिया है जो 17 नवंबर 2019 को रिटायर हो रहे है, उसके अगले दिन यानि 18 नवंबर 2019 को नए CJI शरद अरविंद बोबडे शपथ ग्रहण करेंगे। भारत के नए मुख्य न्यायधीश (Chief Justice Of India) का कार्यकाल 23 अप्रैल 2021 तक रहेगा, लगभग 18 month का कार्यकाल होगा।
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परम्परा के अनुसार मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने केंद्र सरकार को 18 अक्टूबर को पत्र लिखका सीनियर जस्टिस S.A. Bobde को उत्तराधिकारी बनने की सिफारिश की थी, President Ram Nath Kovind ने उस सिफारिश को स्वीकार किया था। उसके बाद 29 अक्टूबर को चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया के नाम की मुहर Sharad Arvind Bobde के रूप में लग गई।
अब मै Biography of Sharad Arvind Bobde in Hindi के बारे में बताने जारहा हूँ। भारत के नए Chief Justice of India शरद अरविंद बोबडे का जीवन परिचय उनके परिवार, शिक्षा और करियर के बारे में पूरी जानकारी के लिए पूरा पोस्ट पढ़े।

न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे का जीवन परिचय (Biography of  Sharad Arvind Bobde)


SA Bobde का जन्म 24 अप्रैल 1956 को नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था उनके पिता का नाम अरविंद श्रीनिवास बोबडे (Former Advocate General of Maharashtra), उनकी प्रारम्भिक शिक्षा नागपुर में हुई है उसके बाद सेंट फ्रांसिस डिसेल्स कॉलेज से Bachelor of Art की पढाई की उसके बाद 1978 में LLB की डिग्री नागपुर यूनिवर्सिटी से प्राप्त की है।

शरद अरविंद बोबडे का करियर (S. A. Bobde Career Life)

SA Bobde ने 1978 में Maharashtra bar council के लिए नामांकित हुए थे वहां पर कई सालो तक काम करने के बाद 1998 में सीनियर एडवोकेट के रूप में पदोन्नति की फिर 2000 ईस्वी में बॉम्बे हाईकोर्ट में अडिशनल जज बनकर पहुंचे वहां काम करने के बाद 2012 ईस्वी में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का पद संभाला लगभग एक साल तक वहां किया।
उसके बाद  2013 में देश का सबसे बड़ा न्यायालय सुप्रीम कोर्ट में जज का पद संभाला। supreme Court में Judge रहते हुए बोबडे ने कई मुख्य फैसले लिए है जो इस प्रकार है -

शरद अरविंद बोबडे के अहम फैसले 


  • जस्टिस यसए बोबडे उस बेंच में थे जिसमे आदेश दिया था कि आधार कार्ड न रखने वाले को किसी भी भारतीय नागरिक को सरकारी फायदों से वंचित नहीं किया जा सकता है। 
  • 2018 में सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था इस मतभेदों की निपटाने में जस्टिस शरद अरविन्द बोबडे ने अहम भूमिका निभाई थी। 
  • मई 2018 में कर्नाटक राज्य में चुनाव हुए थे तो किसी को भी बहुमत नहीं मिला था तो राज्यपाल बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमत्री पद की सपथ के लिए बुलाया, कांग्रेस इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची।  सुनवाई सुरु हुई और फैसला येदियुरप्पा के पक्ष में आया, फैसला देने बेंच में शामिल थे जस्टिस बोबडे। 
  • पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर बैन को लेकर जो फैसला सुनाया था उस बैंच में भी जस्टिस बोबडे शामिल थे। 


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